मिर्जापुर। विंध्याचल धाम में गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर अत्यंत भव्य एवं आध्यात्मिक आयोजन संपन्न हुआ, जिसमें महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा वेद मंत्रों का पावन पाठ किया गया। यह आयोजन सम्पूर्ण वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से आलोकित करने वाला रहा।
माँ के धाम में नेपाल, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि प्रदेशों से पधारे वेदपाठी ब्राह्मणों ने सामूहिक रूप से भगवती सूक्त का उच्चारण करते हुए माँ विंध्यवासिनी की आराधना की। माँ को अति प्रिय वेद मंत्रों की गूंज से सम्पूर्ण धाम मंत्रमुग्ध हो उठा। वेद ध्वनि के साथ वातावरण में एक अद्वितीय दिव्यता का संचार हुआ, जिसे श्रद्धालुओं ने हृदय से अनुभव किया।
गुप्त नवरात्रि के अष्टमी तिथि पर जगत के समस्त चराचर प्राणियों की कुशलता, लोक कल्याण एवं विश्व शांति की भावना के साथ माँ की आराधना की गई। यह आयोजन आचार्य अगस्त्य द्विवेदी के नेतृत्व में धार्मिक आस्था, वेद परंपरा और सांस्कृतिक एकता का अनुपम संगम रहा।
कार्यक्रम में पधारे समस्त वेदपाठी ब्राह्मणों का विधिपूर्वक स्वागत-सत्कार किया गया। सभी विद्वानों को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस पुनीत कार्य में उत्तर प्रदेश सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री सोहन लाल श्रीमाली ने वेदपाठी ब्राह्मणों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि वेद हमारी सनातन संस्कृति की आत्मा हैं। विंध्याचल जैसे तीर्थ स्थलों पर इस प्रकार के आयोजनों से समाज को आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। वेदपाठी ब्राह्मणों का यह योगदान अविस्मरणीय है।
Rajan Gupta
Editor in chief
“Today Mirzapur“